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माता
सरस्वती माता
सरस्वती माता माता सती आप हम आप सबको अनाथ
छोड़कर क्यों चली गई माता माता आपने ऐसा
क्यों किया माता ऐसा क्यों किया आपने
आपने आपने यह भी नहीं सोचा कि आपके जाने
के
पश्चात् प्रभु भोलेनाथ पिता हम सबका क्या
होगा माता क्या
होगा स्वामी आपकी आज्ञा अनुसार मैंने दक्ष
यज्ञ का विध्वंस कर दिया। शिवद्रोहियों को
उनकी करनी का दंड दिया। दुष्ट दक्ष का
मस्तक धड़ से अलग कर यज्ञ कुंड में स्वाहा
कर
दिया। शिव शंभू शिवद्रोही भृगु ऋषि को भी
मैंने शिव विद्रोह का दंड दे दिया। प्रभु
ये हम
ओम नमः शिवाय
ओम हर हर महादेव
नमः
शिवाय ओम नमः शिवाय प्रणाम परमपिता प्रणाम
ब्रह्मदेव
परमपिता संकट में पड़ी सृष्टि का उद्धार
कीजिए। देवराज इंद्र देव गुरु
बृहस्पति प्रिय पुत्र नारद आप सब सृष्टि
पर आए हुए जिस संकट से उद्वग्न है उसका
समाधान अवश्य होगा।
ब्रह्मदेव आप तो स्वयं विधाता हैं। जो कुछ
हुआ हो रहा है या होने वाला है वह सब आपकी
दृष्टि से छुपा नहीं है। कृपा करके हमें
मार्ग दिखाइए।
हां
ब्रह्मदेव आपके मार्गदर्शन के लिए हम आपकी
शरण में आए हैं।
परमपिता दक्ष प्रजापति ने जिन अशुभ घटनाओं
को जन्म दिया उनका परिणाम इतना भयंकर होगा
यह हमने सोचा भी नहीं था।
इंद्रदेव तक्ष के अभिमान में कृत्यों के
हम सभी साक्षी
हैं। रोकना चाहकर भी हम उन्हें रोक न
पाए। प्रयाग यज्ञ में दक्ष ने पद के मध्य
में आकर भगवान शिव का अपमान किया। नंदी से
वाद विवाद किया। वहीं से
अशुभ घटनाओं का ऐसा क्रम प्रारंभ हुआ
जिसका अंत अब तक दिखाई नहीं
देता। आप सत्य कह रहे हैं
परमपिता पहले तो भगवान शिव की अवहेलना
करके शिव निंदा करना और फिर अपनी ही
पुत्री सती के सम्मुख उनके पति भगवान शिव
को अपमानित करके सती को आत्मदाह के लिए
विवश करना। इन सबके दोषी महाराज दक्ष ही
हैं। सती के आत्मबलिदान का ही परिणाम है
कि शिव सती का शव भटक रहे हैं। शिव की इस
लीला को देखकर संसार चकित है। ब्रह्मदेव
हम सब यह सोचकर भयग्रस्त है। ब्रह्मदेव कि
कल्याणकारी शिव के इस उन्माद का परिणाम
क्या होगा?
एक ओर महादेव ये उन्माद लीला कर रहे हैं
और दूसरी ओर दक्ष यज्ञ अधूरा है। इस भयानक
संकट से उभरने का कोई उपाय बताइए परमपिता।
नारद शिव को सती के शव से विरत करने के
लिए कोई ना कोई उपाय हमें ढूंढना ही होगा।
इसके बिना इस संकट का निवारण नहीं होगा।
आप ही बताइए कि शिव का सती मोह कैसे भंग
हो? भविष्य में होने वाले अनिष्ट व अमंगल
से बचने के लिए हम आपकी शरण में आए हैं।
ब्रह्मदेव
देवराज भगवान विष्णु ही सदा हमें ऐसे
संकटों से उबारते आए हैं। इस संकट का
समाधान भी हमें श्री हरि से परामर्श के
पश्चात ही मिलेगा। शुभस्य शीघ्रम। चलिए
परमपिता शीर सागर चलकर भगवान विष्णु के
दर्शन करें। हर हर महादेव। जय शिव शंकर।
ब्रह्मा जी एवं सभी देवताओं का, विष्णु जी से शिवजी के सती मोह को भंग करने का आग्रह का गीत। यहाँ आप सुन सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं Shiv Mahapuran 12 के गीत की ऑडियो, वीडियो और फ्री म्यूजिक। यह गीत ऑफिशियल रिमिक्स और भक्तिपूर्ण प्रस्तुतियों के साथ उपलब्ध है।
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