Music Downloads & Lyrics
जब तहजीब के टक्कर में कनरों के जनाजे
उठते हैं तब बजम जहां में शैतानों के रक्स
के मंजर होते हैं जब तहजीब के ठक्कर में
कदर के जनाजे उठते हैं तब बजम जहां में
शैतानों के रक्स के मंजर होते हैं जमत की
शब है तो हिरस हमस के मारों की जब जुल्मत
की शब आती है तो हिरस हमस के मारों की
आंखों में शरारे होते हैं हाथों में खंजर
होते हैं तब बजम जहां में शैतानों के रक्स
के मंजर होते हैं जब तहजीब के चक्कर में
कदलो के जनाजे उठते हैं तब बजम जहां में
शैतानों के रक्स के मंजर होते हैं सबब
तहजीब के टक्कर में कदर के जनाजे उठते हैं
अब बजम जहां में शैतानों के लक्स के मंजर
होते हैं जब हद से गुजरने लगती है बातिल
के अजाइम की वहशत जब हद से गुजरने लगती है
बातिल के अजाइम की वहशत तब हक के तकब में
अक्सर ताग के लश्कर होते हैं तब बजम जहां
में शैतानों के रक्स के मंजर होते हैं जब
तहजीब के थक्कर में कदर के जनाजे उठते हैं
तब बजम जहां में शैतानों के रक्स के मंजर
होते हैं सबब तबों के टक्कर में कदर के
जनाजे उठते हैं तब बजम जहां में शैतानों
के रक्स के मंजर होते हैं जब कमजोर पे
खुलते हैं दर मकतल के जिंदा दोनों के जब
कमजोर पे खुलते हैं दर मकतल के जिंदा के
तब हथकड़िया और जंजीर या सूली पे सर होते
हैं तब बजम जहां में शैतानों के रक्स के
मंजर होते हैं जब तहब के ठक्कर में कदर के
जनाजे उठते हैं तब बजम जहां में शैतानों
के रस के मंजर होते हैं जब तहजीब के टक्कर
में कदर के जनाजे उठते हैं तब बजम जहां
में शैतानों के रक्स के मंजर होते हैं ले
लाए तमदी अस्मत जब किर्च किर्च होती है ले
लाए तमदी अस्मत जब किरच किची होती है
अखलाक सभी इंसानों के तब बद से बदतर हो ते
हैं तब बजम जहां में शैतानों के रक्स के
मंजर होते हैं जब तहजीब के टक्कर में कदर
के जनाजे उठते हैं तब बजम जहां में
शैतानों के रक्स के मंजर होते हैं जब तहब
के टक्कर में कदर के जनाजे उठते हैं तब
बजम जहां में शैतानों के रक्स के मंजर
होते हैं जब ऐश तुरब के हंगामे एक हश्र
उठाए रखते हो जब ऐश तुरब के हंगामे एक
हश्र उठाए रखते हो दुनिया के सभी ही दीनो
हरम तब शर का मेहर होते हैं तब बजम जहां
में शैतानों के रक्स के मंजर होते हैं जब
तहजीब के टक्कर में कदर के जनाजे उठते हैं
तब बजम जहां में शैतानों के रक्स के मंजर
होते हैं जब तहजीब के टक्कर में कदर के
जनाजे उठते हैं तब बजम जहां में शैतानों
के रक्स के मंजर होते हैं हाला ये जब हो
जाए तो फिर दिल कब जिंदा रहते हैं हालात
ये जब हो जाए तो फिर दिल कब जिंदा रहते
हैं फिरन सिफत इंसानों के सीनों में पत्थर
होते हैं तब बसम जहां में शैतानों के रक्स
के मंजर होते हैं जब तहजीब के टक्कर में
कदर के जनाजे उठते हैं तब बजम जहां में
शैतानों के रस के मंजर होते हैं सब तबों
की टक्कर में कदर के जन से उठते हैं तब बम
जहा में शैतानों के रक्स के मंजर होते हैं
इस प्रेरक नसीहद में अतहर जलाली की शैअतन का रक़्स लिरिक्स और ऑडियो उपलब्ध है। यहाँ आप इस गीत का फ्री म्यूजिक, वीडियो डाउनलोड और MP3 डाउनलोड कर सकते हैं। यह प्रेरक गीत सुनें और अपने दिन को ऊर्जा से भरें।
Discover the motivational Nasheed by Athar Jalali, featuring lyrics, MP3 download, video download, and free music options. Get the song now for your audio collection and enjoy a powerful, inspiring experience. Perfect for fans of uplifting music, official releases, and remixes.