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वो अर्श का चराग
है। मैं
इनके कदम की
धूल हूं। ऐ
जिंदगी
गवाह
रहना। मैं भी
गुलाम रसूल हूं।
यहा
के कहीं
बखशी की घटा
है
की कहीं
बखशीश की घटा
है ये दिल का नगर है के मदीने
की फिदा
है
की कहीं
बखशीश की घटा
है
की
सांसों में
महकती है मुनाजात
की
कलियां
सांसों में
महकती है
मुलाजात की
कलियां
कलियों के
कठोरों पे तेरा
नाम लिखा
है की
कहीं
बखशीश की घटा
है
की एक
बार तेरा
नाम कदम
चूम लिया
था एक
बार
तेरा ये कदम में
चूम लिया
था 100
बार फलक
शुक्र के
सजदे में झुका
है
की कहीं
बखशीश की घटा
है
गिर
सूरज को
उमरने नहीं
देता तेरा
हशी
सूरज को
भरने नहीं
देता तेरा
हबशी में सर को अबूजर
तेरी
बखशीश ने किया
है
की कहीं
बखशीश की घटा
है
की
आया की
झरमट मैं तेरे
नाम की
मसनद
आयाद की
झुरमट मैं तेरे
नाम की
मसनद
लफ्जों की
अंगूठी मैं
नगीना सा जुड़ा है
की कहीं
बखशीश की घटा
है
कीम की
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