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परमपिता विधाता ब्रह्मदेव भगवान विष्णु
देवताओं तथा समस्त पूजनीय ऋषि मुनियों की
उपस्थिति में मैं भृगु ऋषि से अनुरोध करता
हूं कि वह अब इस महायज्ञ का शुभारंभ करें।
ऋषि ब्रह्मा
देव भगवान
विष्णु समस्त देवता गण ऋषि मुनि सभी यथा
स्थान उपस्थित दिखाई दे रहे हैं। किंतु
देवाधिदेव महादेव शिव शंकर दिखाई नहीं दे
रहे। उनके दर्शन होंगे भी नहीं। ददीच
ऋषि कारण जो दक्ष प्रजापति का सम्मान नहीं
करते उन्हें इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं
किया गया है। इसका निर्णय प्रयाग यज्ञ में
हो चुका है। प्रयाग यज्ञ में भगवान शिव
शंकर के प्रति जो कलुषित भाव दक्ष
प्रजापति के हृदय में उत्पन्न हुआ था।
क्या वो अभी तक समाप्त नहीं हुआ? समाप्त
होगा भी नहीं। प्रगु ऋषि आपसी द्वेष का
धर्म से कोई संबंध नहीं होता और कोई भी
यज्ञ यगेश्वर देवाधिदेव भगवान शिव शंकर के
बिना पूर्ण कैसे हो सकता है? आप क्यों
चिंतित हो रहे हैं मुनिव शिव शंकर के होने
या ना होने से कोई अंतर नहीं पड़ेगा। उनके
बिना भी यह महायज्ञ पूर्ण होगा।
असंभव इस यज्ञशाला में ब्रह्मदेव भगवान
विष्णु ऋषि मुनि देवता गण आप सभी उपस्थित
हैं। किसी ने यह जानने का प्रयत्न क्यों
नहीं किया कि देवा आदिदेव यज्ञ स्वरूप
महादेव के बिना यह यज्ञ कैसे पूर्ण हो
सकता है? आप व्यस्त उत्तेजित हो रहे हैं।
ऋषि देवताओं के अधिपति भगवान विष्णु
सृष्टि निर्माता ब्रह्मदेव इस यज्ञ में
विराजमान है। अन्य किसी की क्या आवश्यकता
हो सकती है? महाराज दक्ष भूल ना कीजिए।
सारे अमंगलों को दूर करने वाले मंगलमय
भगवान शिव को बुलाना अति आवश्यक
है। उन्हें नहीं बुलाया
जाएगा। हट ना कीजिए महाराज दक्ष। भगवान
शिव शंकर के बिना ये यज्ञ अधूरा रहेगा।
ब्रह्मदेव विष्णु देव आप सभी देवताओं को
मिलकर भगवान शिव शंकर को बुलाने के लिए
महाराज दक्ष से अनुरोध करना चाहिए।
आप सब मौन क्यों हैं? मैं पुनः निवेदन
करता हूं कि भगवान
वृषभध्वज और माता सती को आदर पूर्वक यहां
लाया जाए। महर्षि दतीश जी आप हमारे
अतिथियों का अनुचित आवाहन कर रहे हैं। यह
महायज्ञ हमारी इच्छा से हो रहा है। हमने
जिसे चाहा उसे निमंत्रित किया और ये सब के
सब यहां उपस्थित भी हैं। हमारे यज्ञ में
विघ्न न डालें। कृपा करके आप अपना आसन
ग्रहण कीजिए। के दधीश ऋषि महाराज दक्ष आप
भृगु ऋषि के समर्थन से भगवान शिव शंकर का
अपमान करके अनर्थ को आमंत्रित कर रहे हैं।
शान की भस्म रवाने वाला एक कपालिका अघोरी
के ना होने से कोई अनर्थ नहीं हो
जाएगा। अकेले भृग ऋषि नहीं समस्त ऋषि मुनि
देवता हमारे साथ हैं। ये महायज्ञ अवश्य
पूर्ण होगा। कदापि नहीं होगा। महाराज दक्ष
महादेव के विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का
प्रयोग आपको नर्क की ज्वाला में धकेल
देगा। और यह मत भूलिए महाराज दक्ष कि
भगवान शिव शंकर आपकी पुत्री के पति भी
हैं। पिता श्री ब्रह्मदेव के कहने पर हमसे
ये भूल हुई
है। हमें तो अब ज्ञात हुआ है। हमारा ये
जामाता भूत प्रेत पिशाचों का स्वामी है।
आत्म प्रशंसक तथा
ईर्षालु कान खोल कर सुन लीजिए ददी।
और घर शिव को इस यज्ञ में नहीं बुलाया
जाएगा। धिक्कार है इस महायज्ञ को। मैं ऐसे
शिव विरोधी यज्ञ का बहिष्कार करता हूं।
स्मरण रहे महाराज
दक्ष। इस हवन कुंड की अग्नि आपके लिए
चिताग्नि बन जाएगी। हर हर महादेव।
दक्ष प्रजापति द्वारा शिव जी की निंदा करने के कारण महर्षि दधीचि का यज्ञ से पलायन का गीत। आप यहाँ सुनें और डाउनलोड करें शिव महापुराण का गीत। डाउनलोड करें इस लोकप्रिय गीत की lyrics, mp3, वीडियो और ऑडियो फॉर्मेट्स। यह मुफ्त संगीत और mp3 डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। खासतौर पर शिव भक्ति, शिव आरती, शिव भजन, और शिव गीत की खोज करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए।
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