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वीरभद्र दक्ष सिर कटाई Lyrics MP3 Download Shiv Mahapuran 11

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वीरभद्र दक्ष सिर कटाई Lyrics MP3 Download Shiv Mahapuran 11

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Lyrics

भगवान विष्णु ब्रह्मदेव कृपया मेरी
प्रार्थना स्वीकार कीजिए। जाइए नहीं रुक
जाइए प्रभु रुक जाइए। रुक जाइए प्रभु रुक
जाइए।
दक्ष मंगल कामना से किया जाने वाला यज्ञ
अमंगलकारी रूप धारण कर चुका है। अब यहां
एक पल भी रुकना असह्य हो गया। भगवान
विष्णु इस अमंगल से मेरे उद्धार का कोई
उपाय सोचिए। आप चले गए तो प्रलय हो जाएगा।
भगवान प्रलय हो जाएगा। दक्ष महाप्रलयकारी
शिव शरण में जाने के अतिरिक्त अब कोई
दूसरा मार्ग नहीं रह गया है। भगवान शिव के
कोप से आपकी कोई रक्षा नहीं कर सकता। आपने
स्वयं अनर्थ को आमंत्रण दिया है।
शिवद्रोही अहंकार वश तूने यगेश्वर महादेव
को यज्ञ का निमंत्रण तो नहीं दिया किंतु
महाकाल के प्रलय कोप को निमंत्रण दे बैठा।
अब तेरे साथ समस्त शिव द्रोहियों की
मृत्यु सुनिश्चित
है। मेरी रक्षा
कीजिए। मेरी रक्षा कीजिए। शिव प्रकोप से
मुझे बचाइए प्रभु शिव प्रकोप से बचाइए
प्रभु हर हर
महादेव हर हर
महादेव कहां है
दुष्ट शरणागत की रक्षा कीजिए प्रभु शरणागत
की रक्षा
कीजिए मैं तुम्हें वचन तो नहीं देता किंतु
तुम्हारे प्राणों की रक्षा का प्रयत्न
करूंगा। प्रभु कहां है? कहां है दुष्ट
दक्ष?
दुष्ट कहां है? कहां है शिवद्रोही?
वीरभद्र ये रहा शिवद्रोही दक्ष।
शिवही दक्ष मेरे प्राणों की रक्षा के लिए
इस त्रिलोक में कोई नहीं है। दक्ष मेरे
शरणागत हैं। इनके प्राण लेने वाले आप कौन
हैं? महाकाल का संकल्प
वीरभद्र शिवद्रोही के प्राणों की रक्षा
करने वाले आप कौन हैं?
शिव भक्त विष्णु झूठ आप कदापि शिव भक्त
नहीं हो सकते। यदि आप शिव भक्त हैं तो एक
शिव द्रोही को शरण देने का कारण
भगवान शिव शंकर के शरण में जाकर इनके
प्राणों की भिक्षा मांगने के उद्देश्य से
मैंने इन्हें इनके प्राणों की रक्षा का
वचन दिया है। किंतु स्वामी की आज्ञा
अनुसार मैं शिव शत्रु का विनाश करने यहां
आया हूं। कोई भी शिव द्रोह करने का साहस
करेगा वो जीवित नहीं बचेगा। यदि आपने दक्ष
के प्राणों की रक्षा का वचन दिया है तो एक
शिव भक्त को दूसरे शिव भक्त से युद्ध करना
पड़ेगा। हर हर महादेव।
हर हर महादेव। हर हर
महादेव। हर हर
महादेव। हर हर महादेव।
इस संसार में तुम्हारी रक्षा करने वाला
कोई नहीं। तुम्हारा अंत निश्चित है।
लगा हा
हे दक्ष अस्त्र शस्त्र से मरने वाला नहीं
है। इसे ब्रह्मा का वरदान प्राप्त
है। जय
जय राम
हा या
हाय
माते
माते
चलो मेरी मद
वो रहा माता सती का पवित्र शरीर।

Description

वीरभद्र द्वारा दक्ष के सिर को धड़ से अलग करने का गीत। यह वीडियो में उच्च गुणवत्ता वाली फ्री संगीत, गीत, और ऑडियो डाउनलोड करें। यह लिंक से आप आसानी से mp3 डाउनलोड कर सकते हैं।

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