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हो
सरफरोश जाहे
सरफरोश अल्ला अकबर अल्लाह अकबर अल्ला अकबर
अल्लाह अकबर वो दन हक के री मुजाहिद लहू
में अपने नहा रहे हैं वो दीन हक की बका की
खातिर सरों की फसर कटा रहे हैं वो
बिजलियां बनके आ रहे हैं वो आंधियां बनके
छा रहे हैं वो बिजलियां बनके आ रहे हैं वो
आंधियां बनके छा रहे हैं अजम गाह में
दुश्मनों की सफों में हलचल मचा रहे हैं
अल्ला अकबर अल्लाह अकबर अल्ला अकबर अल्ला
अकबर वो दीन हक के झरी मुजाहिद लहू में
अपने नहा रहे हैं वो दीन हक की बका की
खातिर सरों की फसले कटा रहे हैं बरते तूफा
के बिल मुका
हुए है सीना से पर वो गाजी बिरते तूफा के
बिल मुकाबिल हुए हैं सीरा से पर वो गाजी
आदू के तीरों के बिल मुकाबिल जिगर को वो
आसमा रहे हैं अल्ला अकबर अल्ला अकबर अल्ला
अकबर अल्लाह अकबर वो रे हक के ज मुजाहिद
लहू में अपने नहा रहे हैं वो दीन हक की
बका की खातिर सरों की फसले कटा रहे हैं
हां सरों की फसले कटा रहे हैं वो आजमाइश
की भटियां से निकल के कुंदन में ढल रहे है
वो इंतहानों की वादियों से गुजर के भी
मुस्कुरा रहे हैं उठा के हाथों में हक का
परचम वो सुए मंजिल रावा दावा है वो ठोकर
से हर एक संगे गिरा कुरा से हटा रहे हैं
अल्ला अकबर अल्ला अकबर अल्ला अकबर अल्ल्ला
अकबर वो दीरे हक के री मुजाहिद ल में अपने
नहा रहे हैं वो दीन हक की बका की खातिर
सरों की फसर कटा रहे हैं हवा है गोतु तेज
लेकिन वो मेहव परवाज है मुसलसल हवा है
गोतु तेज लेकिन वो मेहव परवाज है मुसलसल
के खाक बाजी को छोड़कर
अब वो
शाहबाजी दिखा रहे हैं अल्ला अकबर अल्ला
अकबर अल्ला अकबर अल्लाह अकबर वो दीन हक के
री मुजाहिद लहू में अपने नहा रहे हैं वो
दीन हक की बका की खातिर सरों की फसले कटा
रहे
हैं अंज
दवा वो जुलम में चमक रहे हैं मिसले अंजुम
मा दवा वो जुल्म में चमक रहे हैं शबे
सियाह को वो चाक करके नवीद सुबहा सुना रहे
हैं अल्ला अकबर अल्ला अकबर अल्ला अकबर
अल्लाह अकबर व
के जरी मुजाहिद लहू में अपने नहा रहे हैं
वो दीन हक की बका की खातिर सरों की फसले
कटा रहे हैं लहू के कतरों से कर रहे हैं
वो राहे हक को अगर वो आ करर उसी लहू से
मगर वो हरसू बि फरता तूफा उठा रहे हैं हो
नुसरत का अब फरेरा हवा में लहराए चल रहे
हैं के नकवत दुश्मना ने दी को वो खक में
अब मिला रहे हैं ये दीन हक के अजीम गाजी
है फखरे उम्मत का ए हिजाजी ये दीन हक के
अजीम गाजी है उम्मत का हिजा
चराग उम्मत को कुफर की आंधियों से अब वो
बचा रहे हैं अल्लाह अकबर अल्लाह अकबर
अल्लाह अकबर अल्लाह अकबर वो दीरे हक के
जरी मुजाहिद लहू में अपने नहा रहे हैं वो
दीन हक की बका की खातिर सरों की फसले कर
टा रहे हैं
प्रेरणादायक नशीद Jalabeeb Qadri Jari Mujahid Faris Club 2025 के गीत के बोल, mp3 डाउनलोड, वीडियो डाउनलोड, ऑडियो और फ्री म्यूजिक। यह गीत प्रेरणा और उत्साह से भरपूर है। उच्च गुणवत्ता वाली म्यूजिक फ़ाइलें और वीडियो यहां पाएं।
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